Top latest Five sidh kunjika Urban news
Top latest Five sidh kunjika Urban news
Blog Article
देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि
धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा ॥ १२ ॥
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः
कुञ्जिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं लभेत् ।
ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्
पां पीं पूं पार्वती पूर्णा खां खीं खूं खेचरी तथा॥
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
सरसों के तेल का दीपक है तो बाईं ओर रखें. पूर्व दिशा की check here ओर मुख करके कुश के आसन पर बैठें.
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः
अं कं चं टं तं पं यं शं वीं दुं ऐं वीं हं क्षं ।
हुं हु हुंकाररूपिण्यै जं जं जं जम्भनादिनी।